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| नवीनीकरण दिनांक03/05/2024

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डॉ. अंशुमली बोले-60% से घटकर मात्र 46% जंगल रह गए, इसमें भी 30% जमीन ही वन विभाग के पास

Date | 10 May 2022:

 

प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इसका असर हम बदलते मौसम और जलवायु पर देख सकते हैं। प्रदूषण का एक बहुत बड़ा कारण कोयला खदानाें सहित विभिन्न फैक्ट्रियाें से निकल रहा कार्बन भी है। वैश्विक जलवायु परिवर्तन से संबंधित ग्लास्गाे सम्मेलन में केंद्र सरकार ने घाेषणा की है कि भारत वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त कर लेगा। इसे ध्यान में रखते हुए झारखंड सरकार के वन विभाग और सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) के संयुक्त तत्वावधान में साेमवार काे सम्मेलन का अायाेजन किया, जिसका थीम था- सस्टेनबल पॉथ-वे फॉर फ्यूचर रेडी झारखंड। सम्मेलन का मकसद था कि सरकार और कोयला उत्पादक एकसाथ झारखंड को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए टिकाऊ रास्ता अपनाएं। इस परिवर्तन की जरूरत क्यों है के बारे में विस्तार से बताते हुए आईआईटी-आईएसएम, धनबाद के प्रोफेसर डॉ. अंशुमली ने बताया कि प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन के कारण जल, जंगल और जमीन तीनों प्रभावित है। नदियों का क्षेत्रफल पिछले 60 वर्षों में 7 प्रतिशत से घटकर 4 प्रतिशत हो गया है। 1977 में नदियों की संख्या 1511 थी, जो 2021 में घटकर मात्र 175 ही रह गई हैं। नदियों में लगभग 90 प्रतिशत कमी देखी गई है। इसका सीधा प्रभाव वहां के जनजीवन पर पड़ा है। पेड़ों की संख्या में भारी गिरावट आई। 60 प्रतिशत जंगल घटकर मात्र 46 प्रतिशत रह गया है। इसमें भी 30 प्रतिशत जमीन ही वन विभाग के पास है। इसे बचाने के लिए प्रशासन, सरकार और स्थानीय लोगों की सहभागिता जरूरी है। सम्मेलन में टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट संजीव पॉल ने कहा कि टाटा समूह राज्य की अर्थव्यवस्था, समाज और सार्वजनिक हित से संबंधित सस्टेनेबल ट्रांजिशन की प्रक्रिया में मदद करेगा।

 

ग्रीन एनर्जी और ग्रीन अर्थव्यवस्था तैयार करने की जरूरत : एके रस्तोगी

 

झारखंड के प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जेएसपीसीबी) के अध्यक्ष एके रस्तोगी ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन जीरो करने के लिए हमें रिन्युवेबल (नवीकरणीय) ऊर्जा की जरूरत है। कहा कि कार्बन उत्सर्जन जीरो करने और ग्रीन एनर्जी और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए यह सम्मेलन काफी फायदेमंद होगा। सीड के सीईओ रमापति कुमार ने कहा कि भविष्य में अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन जरूरी है। सीसीएल के सीएम़डी पीएम प्रसाद ने कहा कि कोयला उद्योग जगत राज्य में सस्टेनेबल ट्रांज़िशन की प्रक्रिया का सर्मथन करता है।

 

 

(Source: https://epaper.bhaskar.com/)