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विज्ञान का खजाना लेकर धनबाद पहुंची साइंस एक्सप्रेस, डीआरएम ने किया उद्घाटन

 

धनबाद | April 28, 2017: अगर आप साइंस से जुडी चीजो में रूचि रखते है या साइंस के स्टूडेंट है और साइंस को और बारीकी से जानना समझना चाहते है तो आपका स्वागत है साइंस ट्रेन में. जो आज से धनबाद स्टेशन पर लोगो को साईस के विभिन्न पहलुओ से रुबरु कराएगी.

 

डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और रेलवे के सहयोग से शुरू की गई यह विज्ञान प्रदर्शनी ट्रेन आज धनबाद स्टेशन के सात नंबर प्लेटफार्म पर लगी. जिसका उद्घाटन धनबाद रेल मंडल के डीआरएम मनोज कुमार अखोरी ने दीप प्रज्वलित कर किया.

 

इस साइंस ट्रेन में घुमने के लिए झरिया मारवाड़ी स्कुल, दिल्ली पब्लिक स्कुल, धनबाद पब्लिक स्कुल, सहित कई स्कुल के बच्चे पंहुचे थे. जिन्हें ट्रेन में मौजूद वोलंटियर ने छात्रों को विज्ञान के विभिन्न पहलुओ से रूबरू कराया.

 

विज्ञानं के बारे में अद्भुत जानकारियाँ पाकर बच्चे भी काफी उत्साहित दिखे. डीपीएस की छात्रा नेहा ने बताया की यह अनुभव हमारे लिए एक यादगार पल जैसा है जंहा हमें विज्ञान को इतनी गहराई से जानने का मौक़ा मिला.

 

नेहा ने बताया की हमें सोलर सिस्टम, वायु मंडल, एव ह्युमन एटोनोमी के बारे में काफी गहराई से जानने का मौका मिला. साथ ही यह जानकारी मिली की हम अपने पर्यावरण को कैसे स्वच्छ रख सकते है.

 

मौके पर डीआरएम अखौरी ने कहा की हम सभी स्कुल के प्रतिनिधियों से आग्रह करना चाहेंगे की वे अपने स्कुल के बच्चों को साइंस एक्सप्रेस में जरुर घुमाने लाये ताकि बच्चो का साइंस के बारे में ज्ञान और बढे.

 

मौके पर डीआरएम मनोज कुमार अखौरी के आलावा सीनियर डीसीएम आशीष झा, सहित रेलवे के दर्जनों अधिकारी मौजूद थे.

 

बता दे की यह ट्रेन 17 फरवरी को दिल्ली से चली थी जो 19 हजार किमी की यात्रा पूरी करते हुए 68 स्टेशनों से होते हुए सितंबर में अपनी यात्रा पूरी करेगी.

 

इस ट्रेन में कुल 13 कोच है जिसमे केवल विज्ञानं से सम्बंधित चीजो को ही दरसाया गया है. इस अद्वितीय प्रदर्शनी की शुरूआत अक्टूबर 2007 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सौजन्य से हुई थी. तब से इसने पूरे भारत की 1.45 लाख किमी की यात्रा 8 चरणों में पूरी की है.

 

इस विज्ञान प्रदर्शनी को इसके 465 पड़ाव पर लोगों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है. अभी तक के इसके 1631 दिनों की प्रदर्शनी में लगभग 1.58 करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने देखा है, जिसमें छात्र और शिक्षक शामिल है.

 

 

 

(Source: http://cityliveindia.com/)